कुछ तन्हा हूँ आजकल फिर से
तुझे याद करता हूँ आजकल फिर से
ज़िंदगी पर भरोसा सा नहीं आजकल फिर से
मौत सा कुछ ढूँढता हूँ आजकल फिर से
मेरे दोस्त मुझे देख कर कतराते हैं
मेरे पास आने से घबराते हैं
अपने उजाले बड़े प्यारे हैं उन्हें
मेरे अंधेरों से वो डर जाते हैं
साथ छूटा है आजकल फिर से
ग़म का डेरा है आजकल फिर से
तुझे याद करता हूँ आजकल फिर से
ज़िंदगी पर भरोसा सा नहीं आजकल फिर से
मौत सा कुछ ढूँढता हूँ आजकल फिर से
मेरे दोस्त मुझे देख कर कतराते हैं
मेरे पास आने से घबराते हैं
अपने उजाले बड़े प्यारे हैं उन्हें
मेरे अंधेरों से वो डर जाते हैं
साथ छूटा है आजकल फिर से
ग़म का डेरा है आजकल फिर से