हम सीधे किसीसे क्यूँ नहीं कह पाते?
दो पल का साथ चाहिए तुम्हारा
क्यूँ जनम-जन्मों के साथ की बातें करते हैं
क्यूँ हम नहीं कह सकते,
"तुम्हारा साथ चाहिए, थोड़ी देर..."
"कुछ देर बाद हमारे रास्ते अलग हो जायेंगे।"
"मुझे याद मत करना।"
लगता है सीधी बातों के लिए शब्द नहीं हैं हमारे पास
भाषा हमें हरा देती है
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